Talaq Kyun?? तलाक के पीछे छिपे 4 बड़े कारण और उपाय

तलाक क्यों होता है? क्या यही समाधान है? (Why Divorce)तलाक

क्या तलाक से ज़िंदगी सुधर जाती है?

अक्सर हमें लगता है कि अगर हम एक व्यक्ति को छोड़कर किसी दूसरे के साथ ज़िंदगी बिताएंगे, तो हमारे दुख कम हो जाएंगे और हम एक सुखी जीवन जी पाएंगे। इसी सोच के चलते कई लोग तलाक की ओर बढ़ते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि जिस नए इंसान के साथ आप जीवन शुरू करने जा रहे हैं, क्या उसके साथ समस्याएं नहीं होंगी?  क्या वह पूरी तरह परफेक्ट होगा?

असल में, हर रिश्ता समय-समय पर समस्या से गुजरता है। इसलिए किसी रिश्ते को तोड़ने से पहले यह ज़रूरी है कि हम उसमें आई परेशानियों को समझें और उन्हें मिलकर सुलझाने की कोशिश करें। क्योंकि तलाक किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता, बल्कि यह खुद एक और बड़ी समस्या को जन्म दे सकता है।

क्या हमें सोच बदलने की ज़रूरत है?

हम अक्सर यह नहीं सोचते कि जो दिक्कतें आ रही हैं, वे दोनों लोगों की सोच, अपेक्षाओं (expectation) और व्यवहार (behavior) का नतीजा होती हैं। लेकिन हम समस्याओं का हल खोजें, हम उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर देखते हैं और अंत में तलाक का रास्ता चुनते हैं।

पर क्या यह रास्ता इतना आसान होता है? नहीं! तलाक न सिर्फ मानसिक तनाव देता है, बल्कि इसका असर आर्थिक स्थिरता (financial impact), बच्चों के भविष्य (kids future)और सामाजिक रिश्तों पर भी पड़ता है। क्युकी जैसा हम आज कर रहे है , हमारे बच्चे वैसा ही कल करेंगे , कहावत है न ” जैसा पेड़ हम लगाएंगे ,  वैसे ही फल आएंगे ?

अगर हम इन बातों को पहले ही समझ लें और समय रहते संवाद व समझदारी से समाधान ढूंढ़ें, तो तलाक से बचा जा सकता है।

और विस्तार से जानते है आज की generation को ये रास्ता आसान क्यों लगता है ? 

 

भारत में तलाक के चार मुख्य कारण और उनके समाधान

1. भरोसे और वफादारी की कमी 

शादी की नींव ही भरोसे पर टिकी होती है। जब यह नींव हिलती है — जैसे झूठ बोलना, बातें छुपाना, सोशल मीडिया या बाहरी लोगों पर ज़्यादा ध्यान देना — तब रिश्ता कमजोर हो जाता है। एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर भी तलाक का एक बड़ा कारण बनता है। आज के समय में पति – पत्नी दोनों ही खुद कमाते है तो उनकी एक दूसरे पर डिपेंडेंसी (dependency) भी ख़तम हो गयी है , और उनको लगता है कि अब उन्हें पार्टनर्स कि जरुरत नहीं है , हम परिवार सिर्फ पैसे के लिए नहीं बनाते है , हम परिवार बनाते है ताकि सुख – दुःख के समय वो हमारे साथ हो , उनका साथ हमे हौसला देता है , हर तरह के प्रॉब्लम से लड़ने में । 

समाधान:
अपने पार्टनर से ईमानदारी से पेश आएं। अगर कोई बात परेशान कर रही हो, तो उसे छुपाएं नहीं — बात करें। रिश्ते में पारदर्शिता और समझ बनाए रखना बहुत ज़रूरी है।

2. आर्थिक असहमति और पैसे से जुड़ी समस्याएं

कई बार पति-पत्नी के बीच खर्च करने की आदतों में अंतर, कमाई का दबाव या आर्थिक ज़िम्मेदारियों में असंतुलन भी झगड़े और तलाक का कारण बनते हैं। पैसे की दिक्कत अच्छे-खासे रिश्ते में भी दरार डाल सकती है। अगर हम कम कमाते है तो हमे कम में ही लाइफ को चलना होगा, लेकिन अगर आप तलाक के लिए सोचते है तो आपको अकेले ही सब कुछ चलन होगा , अभी दो लोग जो काम करते है वो आपको अकेले देखना होगा ।

समाधान:
पार्टनर से वित्तीय मामलों पर खुलकर चर्चा करें। साथ मिलकर बजट बनाएं और खर्चों की प्राथमिकता तय करें। पारदर्शी आर्थिक योजना रिश्ते को मजबूत बनाती है।

3. संवाद की कमी

किसी भी रिश्ते में अगर बातचीत नहीं होती, तो गलतफहमियां और दूरी बढ़ना तय है। अक्सर लोग झगड़े से बचने के लिए चुप रह जाते हैं या अपनी भावनाएं दबा लेते हैं, जिससे रिश्ते में दरार गहरी होती जाती है। आज के समय में इंसान पर इतना समय नहीं है कि वो अपनों परिवार का हाल जान पाए, लेकिन वो समय वो मोबाइल , टीवी, सोशल मीडिया पर लगा सकता है , अगर वो समय वो अपनों को दे तोह शायद तलाक तक जाना ही न पड़े । 

समाधान:
हर परिस्थिति में संवाद बनाए रखें। चाहे नाराज़गी हो या दुख, अपने जज़्बात साझा करें। पार्टनर की बात सुनें और समझें, ताकि आप दोनों मिलकर समाधान तक पहुंच सकें।

 

4. घटते परिवार

आज कल के जनरेशन को लगता है कि वो अकेले रहेंगे तभी खुश रहेंगे, इसी चक्कर में परिवार घटते जा रहे है और जो अकेले रहने कि सोच रहे है , उनकी तकलीफे कम नहीं हुई , बल्कि ज्यादा हो गयी ।

समाधान:

हर परिस्थिति में अपने परिवार के साथ ही संवाद बनाए रखें। चाहे नाराज़गी हो या दुख, क्युकी जब आप अकेले होते है , तब वो ही आपको संभालेंगे , हो सकता है , हमे काम के चक्कर में परिवार से दूर रहना पड़े , फिर भी घर आने का सिलसिला कभी बंद नहीं करे ।

निष्कर्ष

हम कहेंगे , तलाक एक आसान रास्ता नहीं, बल्कि एक गंभीर फैसला होता है। इसे लेने से पहले खुद से यह ज़रूर पूछें — क्या आपने वाकई इस रिश्ते को निभाने की पूरी कोशिश की है? इसका असर सब पे पड़ता है ?

शादी एक खूबसूरत बंधन है। थोड़ी समझदारी, संवाद और एक-दूसरे के प्रति समर्पण से रिश्तों को बचाया जा सकता है। क्योंकि अंत में, साथ निभाने की कोशिश ही किसी रिश्ते को खास बनाती है।

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