
🧳 अपने परिवार संग Gujrat Trip की योजना कैसे बनाएं
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गुजरात घूमने का सबसे अच्छा समय – Oct to Feb is the best time
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कितने दिन की यात्रा सही रहेगी? – 4- 5 दिन
दिल्ली से शुरू हुई हमारी Family Trip एक यादगार यात्रा में बदल गई, जहाँ सोमनाथ की भक्ति, द्वारका की आस्था और कच्छ के व्हाइट रन का मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य – हर एक मोड़ पर एक नई कहानी लेकर आया। हमने अपनी यात्रा की शुरुआत दिल्ली से की और अहमदाबाद के लिए रात की ट्रेन पकड़ी। सुबह लगभग 7 बजे हम सबर्मती रेलवे स्टेशन (Sabarmati Railway Station) पहुंच गए। वहाँ फ्रेश होकर हमने नाश्ता किया और कुछ ब्रेकफास्ट पैक भी करवा लिया।
🚖 टैक्सी हायर कर ली थी पहले से
हमने पहले से ही एक किलोमीटर के हिसाब से चार्ज होने वाली टैक्सी बुक कर रखी थी, जो काफी आरामदायक थी। ड्राइवर ने स्टेशन से हमें पिक किया और फिर हम निकल पड़े सोमनाथ की ओर। क्यूंकि हमारे साथ बच्चा भी था तो टैक्सी हिरे करना एक बेहतर ऑप्शन हैं। आप चाहे तो बस के थ्रू भी ट्रेवल कर सकते हैं ।
🛣️ अहमदाबाद से सोमनाथ का सफर
यह सफर लगभग 6-7 घंटे का था। बीच में एक जगह रुककर हमने लंच किया। रास्ता अच्छा था, और टैक्सी ड्राइवर भी काफी सहयोगी था। रस्ते में आपको बहोत सी विंडमिल (Windmill) देखने को मिलेगी ।
🏨 होटल और मंदिर के पास रहना सुविधाजनक
सोमनाथ पहुंचकर हमने मंदिर परिसर के पास एक होटल में चेक-इन किया। यहाँ धर्मशालाएं और होटल्स दोनों आसानी से मिल जाते हैं, ₹1000–₹2000 की रेंज में।
हमने वहां बाथ लिया और सोमनाथ जी के दर्शन के लिए निकल पड़े ।
🙏 सोमनाथ मंदिर दर्शन गाइड
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महिलाओं के लिए पारंपरिक ड्रेस जैसे साड़ी या सूट पहनना बेहतर रहता है।
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पुरुष यदि धोती-कुर्ता , कुर्ता पायजामा पहनें तो धार्मिक दृष्टि से आदर्श है।
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मोबाइल, स्मार्ट वाच , बेल्ट, चाबी आदि मंदिर के अंदर ले जाना मना है। सब कुछ बाहर डिपॉज़िट करना होता है। वहां बहोत स्ट्रिक्ट चेकिंग होती हैं , अगर आप गलती से भी अंदर ले जाएँगी , तो आप को वापिस बहार आकर जमा करवाना होगा।
मंदिर के अंदर सिर्फ गंगाजल ले जाना मान्य है। रुद्राभिषेक मंदिर के मुख्य शिवलिंग पर नहीं होता, बल्कि बगल के छोटे शिवलिंग पर होता है। आप चाहे तो शिवलिंग पे चढ़ाने के लिए वस्त्र ले जा सकते ह, वह अंदर मंदिर में डिपाजिट हो जाते हैं
🌊 सोमनाथ बीच और लाइट शो
मंदिर परिसर से बाहर निकलते ही सामने फैला अरब सागर आपका स्वागत करता है। शाम को यहां का लाइट एंड साउंड शो सोमनाथ जी की पूरी कथा को जीवंत कर देता है — अवश्य देखें।
बीच पर एंट्री सिर्फ शाम 6 बजे तक होती है। ऊँट की सवारी, बच्चों की राइड्स , नारियल पानी और लोकल बाजार — सब कुछ आनंददायक।
🚗 सोमनाथ से द्वारका
अगली सुबह हमने द्वारकाधीश के दर्शन के लिए यात्रा शुरू की। द्वारका की यात्रा में कम से कम डेढ़ दिन रखें। हम पहले नागेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुँचे — यहाँ भीड़ ज़्यादा थी पर दर्शन बहुत दिव्य। नागेश्वर भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है । नागेश्वर धाम मंदिर हर समय खुला रहता हैं, लकिन ध्यान देने योग्य यह बात ह की द्वारकाधीश और भेंट द्वारका मंदिर सुबह और शाम ही खुलता हैं, दिन के समय मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं ।
ध्यान दें:
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जेंट्स को जलाभिषेक के लिए धोती पहनना अनिवार्य है (मंदिर परिसर में उपलब्ध)।
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मोबाइल फोन यहाँ अनुमति प्राप्त है, पर द्वारकाधीश मंदिर और भेंट द्वारका में मोबाइल डिपॉजिट करना होता है।
🏜️ 31st Dec का White Rann अनुभव – कच्छ (Kutch)
31 दिसंबर की रात हमने कच्छ में बिताई। टेंट सिटी में स्टे बुक किया हुआ था, जो एक unforgettable cultural experience था। वहाँ गुजरात टूरिज्म द्वारा आयोजित महोत्सव चल रहा था — लोकनृत्य, हस्तशिल्प, स्टॉल्स और टेस्टी लोकल फूड्स का संगम।
✨ White Rann का ‘Road to Heaven’ — The Most Mesmerizing View
अगली सुबह जब हम White Rann की ओर निकले, तो रास्ता था जैसे जन्नत की ओर जाता रास्ता।
एक लंबी सड़क, जिसके दोनों ओर फैला था अरब सागर का पानी, और उस पर सूरज की रोशनी में चमकता सफेद नमक — ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो हीरे बिछे हों।
यह दृश्य इतना mesmerizing था कि शब्द कम पड़ जाएं। Road to Heaven पर जैसे-जैसे गाड़ी बढ़ती गई, एक तरफ Dessert, दूसरी ओर White Salt— यह कॉन्ट्रास्ट वाकई देखने लायक था।
अगर आपने यह नहीं देखा, तो सच में आपने कच्छ को नहीं देखा।
यहां फ्लेमिंगो और माइग्रेटरी बर्ड्स (Migratory Birds) भी देखे जा सकते हैं। फोटो क्लिक करने के लिए यह जगह एकदम परफेक्ट है।
🔚 यात्रा का समापन
White Rann देखने के बाद हमने वापसी की और अहमदाबाद के लिए निकल पड़े। वहाँ से ट्रेन लेकर वापसी Delhi की ओर।