Delhi se Kedarnath Family Trip: An Exciting and Complete Travel Guide
🧭 चारधाम यात्रा का शुभारम्भ
चारधाम यात्रा को प्राचीन काल से ही “स्वर्ग का द्वार” कहा जाता है। इसकी शुरुआत आप किसी भी धाम से कर सकते हैं, लेकिन प्रत्येक स्थल आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है।
🌊 पौराणिक कथा – केदारनाथ धाम की कथा की मुख्य बातें:
महाभारत युद्ध के बाद, पांडव अपने पापों के प्रायश्चित हेतु भगवान शिव की खोज में हिमालय की ओर गए।
भगवान शिव पांडवों से छिपते हुए केदारनाथ में एक भैंसे का रूप धरकर समा गए।
भीम ने विशाल रूप धारण कर पहाड़ों के बीच अपने पैर फैला दिए ताकि सभी जानवर उनके बीच से गुज़रें।
भैंसे को पहचानकर उन्होंने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन शिव धरती में समा गए।
भीम ने उनकी पीठ पकड़ ली, और तब भगवान शिव प्रकट हुए और पांडवों को दर्शन देकर उनका उद्धार किया।
तभी से केदारनाथ में भगवान शिव की पूजा भैंसे की पीठ के रूप में होती है।
🌃 Step 1: दिल्ली से हरिद्वार की रात की यात्रा
- आप रात को दिल्ली से ट्रेन या बस से हरिद्वार के लिए निकल सकते हैं।
- सुबह-सुबह आप हरिद्वार पहुंच जाएंगे।
🛁 फ्रेश होने की व्यवस्था:
- हरिद्वार स्टेशन के पास रेलवे वेटिंग रूम, धर्मशालाएं और बजट होटल्स आसानी से उपलब्ध हैं जहाँ आप फ्रेश होकर नहा सकते हैं।
- आसपास के ढाबों या रेस्टोरेंट में नाश्ता कर सकते हैं (जैसे पूड़ी-सब्जी, चाय, इडली-सांभर)।
🚕 Step 2: हरिद्वार से केदारनाथ के लिए टैक्सी यात्रा
✅ क्यों टैक्सी बेहतर है?
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बसें उपलब्ध हैं, लेकिन परिवार के साथ यात्रा में लाइन लगाना मुश्किल हो सकता है।
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टैक्सी से आप अपनी सुविधा के अनुसार रुक सकते हैं और यात्रा आरामदायक होती है।
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पहले से टैक्सी बुक करना अधिक किफायती और सुविधाजनक रहेगा।
🚖 टैक्सी के प्रकार
विकल्प | विशेषताएँ |
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प्राइवेट टैक्सी | एसी विकल्प सहित, आरामदायक |
शेयरिंग टैक्सी | बजट फ्रेंडली, परंतु AC नहीं, 8–10 लोग |
🕗 Step 3: ट्रैफिक व मौसम का ध्यान रखें
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यात्रा का व्यस्त समय: मई से जून मध्य तक
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इस दौरान भीड़ और जाम अधिक होते हैं, इसलिए एक दिन का अतिरिक्त समय जरूर रखें।
🏔️ Step 4: केदारनाथ में ट्रेकिंग करने से पहले, आपका Sonprayag में ठहराव
- शाम तक आप सोनप्रयाग में पहुँच जाएंगे।
- सोनप्रयाग में आपको रहने की उत्तम वयवस्था मिल जाएगी
- अगली सुबह आप सोनप्रयाग से Gauri Kund ट्रेक जाने के लिए लाइन में लग जाए : (Gauri Kund वो जगह है जहा से ट्रैकिंग शुरू होती है ) लेकिंग गौरीकुंड जाने के लिए सुबह 2-3 बजे से लाइन लग जाती है
- गौरीकुंड से केदारनाथ ट्रेक शुरू होता है और आपको यहाँ पे आपको (घोडा, पालकी या बग्गी मिल जाती है ) आपकी सुविधा के अनुसार
🙏 केदारनाथ में दर्शन और विश्राम
- लम्बे ट्रैकिंग के बाद हम आ गए है बाबा केदार के धाम , यहाँ रहने की बहुत उत्तम वयवस्था है ( जैसे रूम, टेंट ) बाकि जैसा आपका बजट हो |
- अब आप आराम करने के बाद दर्शन के लिए लाइन में लग जाए ( लाइन में 2-3 घण्टे में आपका दर्शन का no.आ जाता है )
- दर्शन करने के बाद आप चाहे तोः आराम कर सकते है या सोनप्रयाग के लिए ट्रैकिंग शुरू कर सकते है ( क्युकि वापस आते हुए भी करीब 10 घंटे तक लग जाते है )
🧘♂️ परिवार / अकेले के लिए खास सुझाव
- उचाई अधिक होने के कारण ऑक्सीजन की कमी होती है ( इसलिए साथ में कपूर, ड्राई फ्रूट और काली मिर्च रखे) जो आपको ट्रैकिंग में मदद करेगा
- यहाँ बहुत ठंड होती है सवयं और अपने परिवार के लोगो के लिए गर्म कपड़े अवश्य रखें।
⚠️ जरूरी सावधानियां
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जुलाई–अगस्त में बारिश से रास्ते खतरनाक हो सकते हैं।
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मोबाइल नेटवर्क सीमित हो सकता है।
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पहाड़ी ड्राइवर्स और लोकल गाइड को प्राथमिकता दें।
🛍️ विशेषताएं
- केदारनाथ में देसी घी चढ़ाया जाता है
📄 पंजीकरण अनिवार्य है
- चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण आवश्यक है
- आप online registration portal पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं
- यात्रा के दौरान चेकिंग होती है, बिना रजिस्ट्रेशन आपको आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा
🚗 परमिट पास की आवश्यकता
- टैक्सी ड्राइवर के पास परमिट पास होना जरूरी है
- अगर आप अपनी कार से जा रहे हैं, तो स्वयं पास लेना होगा
- अधिकतर टैक्सी वाले पास खुद ही बना लेते हैं
🔁 आगे की यात्रा विकल्प
केदारनाथ दर्शन के पश्चात आप यात्रा को आगे बढ़ाते हुए:
- 👉 गंगोत्री, बद्रीनाथ या यमुनोत्री की ओर प्रस्थान कर सकते हैं — जो चारधाम यात्रा का एक प्रमुख और अत्यंत पवित्र धाम है।
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👉 अथवा यदि समय और सुविधा अनुसार चाहें, तो कुछ विश्राम के बाद सीधे दिल्ली वापसी भी कर सकते हैं।
🔚 निष्कर्ष
केदारनाथ की यात्रा में अध्भुत सुख का आभास करेंगे ,बल्कि एक संस्कार और अनुभव है —
जहाँ प्रकृति, आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम होता है।
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👉 दिल्ली से यमुनोत्री फैमिली ट्रिप: यात्रा गाइड, मार्ग और सुझाव
🔗 दिल्ली से गंगोत्री की पूरी जानकारी के लिए पढ़ें: