कल भारत बंद: 25 करोड़ कर्मचारी हड़ताल पर — जानिए क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद
देश की 10 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मिलकर 9 जुलाई, बुधवार को भारत बंद का एलान किया है। ऐसा माना जा रहा है कि 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी इस हड़ताल (Strike) में शामिल होंगे। अगर आप कल बैंक, पोस्ट ऑफिस या किसी सरकारी दफ्तर जाने की योजना बना रहे हैं, पहले पता करे की वो ऑफिस खुला है या बंद ,तो यह जानकारी आपके लिए अहम है।
यह हड़ताल बैंकिंग, बीमा, कोयला, हाईवे निर्माण, सरकारी परिवहन और अन्य क्षेत्रों के कर्मचारियों द्वारा की जा रही है। यूनियनों का कहना है कि यह हड़ताल सरकार की मजदूर और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ है, जिसका असर देश की कई जरूरी सेवाओं पर पड़ सकता है।
🔒 क्या-क्या रहेगा बंद?
- बैंक और उनकी शाखाएं
- बीमा कंपनियों के कार्यालय
- पोस्ट ऑफिस
- कोयला खदानों का कामकाज
- राज्य परिवहन सेवाएं (सरकारी बसें)
- राष्ट्रीय राजमार्ग और निर्माण परियोजनाएं
- सरकारी कंपनियों और फैक्ट्रियों का उत्पादन
✅ क्या-क्या खुलेगा?
- अधिकतर निजी कंपनियां सामान्य रूप से कार्य करेंगी
- अस्पताल और मेडिकल इमरजेंसी सेवाएं
- निजी स्कूल, कॉलेज और ऑनलाइन शिक्षा सेवाएं
🧾 हड़ताल के पीछे की मांगें
यूनियनों का आरोप है कि सरकार केवल बड़े कॉरपोरेट्स के हित में नीतियां बना रही है, जबकि आम कर्मचारियों की नौकरी, वेतन और सुरक्षा सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं। उनकी मुख्य मांगें हैं:
- बेरोजगारी दूर करने के लिए नई भर्तियों की शुरुआत
- रिटायर्ड कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति पर रोक
- मनरेगा की मजदूरी और कार्य दिवसों में वृद्धि
- शहरी बेरोजगारों के लिए मनरेगा जैसी योजना
- निजीकरण, कॉन्ट्रेक्ट और आउटसोर्सिंग पर रोक
- श्रमिक विरोधी चारों लेबर कोड रद्द किए जाएं
- शिक्षा, स्वास्थ्य और राशन जैसे बुनियादी क्षेत्रों पर खर्च बढ़ाया जाए
- वार्षिक श्रम सम्मेलन का आयोजन जल्द हो
📚 स्कूल-कॉलेज पर असर?(school)
सरकार की ओर से स्कूल और कॉलेजों को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक निर्देश जारी नहीं किया गया है। इसलिए निजी और अधिकतर शैक्षणिक संस्थान सामान्य रूप से खुले रहने की उम्मीद है।
🤝 किसे मिल रहा समर्थन?
हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा, कृषि श्रमिक संगठन, और NMDC जैसी खनिज व इस्पात कंपनियों, विभिन्न राज्य सरकार विभागों, और पीएसयू कर्मचारियों का भी समर्थन मिल सकता है। इससे पहले 26 नवंबर 2020, 28-29 मार्च 2022 और 16 फरवरी 2024 को भी इसी तरह की राष्ट्रव्यापी हड़तालें हो चुकी हैं।
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