
“गर्मी में पेट के लिए वरदान – चुकंदर की कांजी!”
कांजी भारत की पारंपरिक प्रोबायोटिक ड्रिंक है जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है और शरीर को ठंडक देती है। खास तौर पर चुकंदर से बनी कांजी स्वाद में खट्टी-तीखी होती है और सेहत के लिए बेहद फायदेमंद।
चुकंदर की कांजी – एक प्रोबायोटिक फूड है, जो आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। प्रोबायोटिक फूड के फायदे जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
📝 आवश्यक सामग्री (Ingredients):
सामग्री | मात्रा |
---|---|
चुकंदर (Beetroot) – छिली और पतली कटी हुई | 2 मध्यम आकार की |
काली गाजर (वैकल्पिक) | 1 |
सरसों पाउडर (राई पिसी हुई) | 2 बड़े चम्मच |
नमक | स्वादानुसार |
लाल मिर्च पाउडर | ½ छोटा चम्मच |
पानी | 1 लीटर |
कांच का जार | 1 (फर्मेंटेशन के लिए) |
👩🍳 बनाने की विधि (Step-by-Step Recipe):
1. सब्ज़ियाँ तैयार करें:
– चुकंदर और काली गाजर को अच्छे से धोकर लंबा-लंबा काट लें।
– चाहें तो सिर्फ चुकंदर से भी कांजी बना सकते हैं।
2. मसाला मिलाएं:
– एक बड़े कांच के जार या बर्तन में 1 लीटर उबला और ठंडा किया हुआ पानी लें।
– उसमें कटी हुई चुकंदर और गाजर डालें।
– अब उसमें राई पाउडर, नमक और लाल मिर्च मिलाएं।
3. फर्मेंटेशन (खमीर उठाना):
– इस जार को ढककर 3-4 दिनों तक धूप में रखें।
– हर दिन लकड़ी के चम्मच से एक बार हिला दें।
– गर्मी के मौसम में 2-3 दिन में कांजी तैयार हो जाती है।
4. परोसें:
– कांजी जब खट्टी लगने लगे, तो समझिए तैयार है।
– ठंडी-ठंडी कांजी को गिलास में छानकर परोसें।
🩺 चुकंदर की कांजी के फायदे (Health Benefits):
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✅ पेट की गर्मी और एसिडिटी से राहत
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✅ प्रोबायोटिक गुण – पाचन तंत्र में सुधार
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✅ ब्लड प्यूरीफायर – त्वचा निखरे
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✅ इम्यून सिस्टम मजबूत
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✅ लो-कैलोरी, डिटॉक्स ड्रिंक
📌 सुझाव:
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कांजी को फ्रिज में 5-7 दिन तक स्टोर किया जा सकता है।
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बहुत खट्टी हो जाए तो ताजे पानी से हल्का कर लें।